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देकर वफ़ा का नाम ... हिंदी कविता hindi poem on betrayal by Jagmohan Singh

Poem :- देकर वफा का नाम, बेवफ़ा के जैसा दगा दिया। तेरे इस कर्म पर निसार, तूने मुझको जीना सिखा दिया। जानें किस तरह की ये दिल्लगी है। क्या हुआ जो ऐसी सजा मिली? बस, इतना सा था, गुनाह कि मैंने, दिल उसी से लगा लिया। देकर वफ़ा का नाम जिसने, बेवफ़ा के जैसा दगा दिया। कमाल का जो सबक मिला है। मिट गए हैं अब सभी गिले, सदके जाऊं, लख लख बारी, अंज़ाम इश्क का दिखा दिया। तेरे कर्म पर निसार, तूने मुझको जीना सिखा दिया। बहुत ही मुश्किल अब हो चला है। जहां में अब इंसान ढूंढना, आज करता फिर, कल मुकरता,कि, ऐसा कब वायदा किया! देकर वफा का नाम, बेवफ़ा के जैसा दगा दिया। तेरे कर्म पर निसार, तूने मुझको जीना सिखा दिया।                                         कवि:-                                          जगमोहन सिंह Central idea :-             A poem that tries to reflect the feelin...